TAPORI TURAKI इस डर से पढ़ने नहीं बैठा, कि फिर से ना चली जाये

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मालिक (नौकर से): मैं बाजार जा रहा हूं़ तुम दुकान का ध्यान
रखना. अगर कोई आॅर्डर दे तो उसे अच्छे से पूरा करना़
कुछ देर के बाद मालिक आया…
मालिक : कोई आॅर्डर आया?
नौकर : जी हां, आया था, उसने आॅर्डर दिया कि दोनों हाथ ऊपर
करके कोने में खड़े हो जाओ़ मैं ने आॅर्डर मान लिया और वह
पैसे की तिजोरी उठाकर चला गया़


दिनू, जो इलेक्शन में किस्मत आजमा रहा था, उसे सिर्फ
तीन मत मिले़़़
उसने सरकार से ‘झेड प्लस’ सुरक्षा मांग की़
जिल्हाधिकारी साहब ने उसे समझाते हुए कहा, आप को
सिर्फ तीन मत मिले हैं़ फिर आप को ऐसी सुरक्षा
कैसे दी जा सकती है?
दिनू बोला, सर, जिस शहर में लोग मेरे इतने खिलाफ हो तो
मुझे सुरक्षा मिलनी ही चाहिये़


चिंटू अपना होमवर्क याद करके नहीं आया…
टीचर दर्शना : अपना लेसन याद क्यों नहीं किया ?
चिंटू : जी कल रात को जैसे ही पढ़ने बैठा, लाईट चली गई़
टीचर सुदर्शना : तो फिर लाईट नहीं आयी?
चिंटू : आयी, पर फिर से जैसे ही पढ़ने बैठा फिर चली गई़
टीचर दर्शना : अरे तो फिर लाईट नहीं आयी क्या?
चिंटू : आयी थी़ पर मैं फिर इस डर से पढ़ने नहीं बैठा
कि फिर से ना चली जाये

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