बसंता : तुम आॅपरेशन किये बिना ही हॉस्पिटल से क्यों भाग गए?
मन्नू : नर्स बार-बार कह रही थी कि डरो मत, हिम्मत रखो, कुछ
नहीं होगा ये तो बस एक छोटा सा आॅपरेशन है.
बसंता : तो इसमें डरने वाली कौन सी बात है? सही तो
कह रही थी नर्स.
मन्नू : वो मुझसे नहीं,डॉक्टर से कह रही थी
रमा : तुम्ही काल खूप प्यायला होता.
मनू : नाही गं.
रमा : नाही कसं ? तुम्ही नळापाशी बसून म्हणत होता,
रडू नको सगळं ठीक होईल…
बिना : तुम्ही मला लग्नापूर्वी चित्रपट, अंबाझरी गार्डन,
कुठं कुठं फिरायला घेऊन जायचा. आणि आता कुठंच नाही …
चप्पू : निवडणूक झाल्यावर कुणी प्रचार केलेला पाहिलंय का…
नामू : आज खाना क्यों नहीं बनाया?
पिनू : गिर गई थी और लग गई…
नामू : कहां गिर गई थी और क्या लग गई थी ?
पिनू : तकिये पर गिर गई थी और आँख लग गई थी
बायकोमुळं त्रासून गेलेला नवरा त्याच्या घरच्या
कुत्र्याच्या डोळ्यांत डोळं घालून बोलतो…
तुझ्यात आणि माझ्यात फक्त दोन
पायांचा फरक आहे…
मालिक (नौकर से): मैं बाजार जा रहा हूं़ तुम दुकान का ध्यान रखना, अगर कोई आॅर्डर दे तो उसे अच्छे से पूरा करना़
कुछ देर के बाद मालिक आया…
मालिक : कोई आॅर्डर आया?
नौकर : जी हां, आया था, उसने आॅर्डर दिया कि दोनों हाथ ऊपर करके कोने में खड़े हो जाओ़ मैंने आॅर्डर मान लिया और वह पैसे की तिजोरी उठाकर चला गया़